
जोहन भारिया ने अपनी पत्नी मीनाक्षी भारिया को अलग-अलग स्थानों से पैसे लेकर पढ़ाया। पत्नी की पढ़ाई के लिए उसने बीमा तक का पैसा खर्च किया। अब पत्नी GNM की ट्रेनिंग खण्डवा चिकित्सालय से पूरी करने के बाद उसे अपना पति मानने से ही इनकार कर रही है।
कहते हैं कि यूपी की SDM ज्योति मौर्य की कहानी भी झूठ की होती है। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में जन सुनवाई के दौरान ऐसा ही मामला सामने आया। यहां एक पति अपनी नर्स पत्नी और बच्ची की वापसी के लिए मदद की मांग करता है। वास्तव में, पति ने अपनी पत्नी को बैंक से लोन लेकर उसे पढ़ाया और पढ़ाया; फिर, जब पत्नी नर्स बन गई, तो वह अपने पति को छोड़कर अपने आशिक के साथ रहने लगी।
पत्नी को मानने से इनकार करने वाली नर्स
ग्राम पकरिया, अनूपपुर जिले में रहने वाले जोहन भारिया ने अपनी पत्नी मीनाक्षी भारिया को कई स्थानों से पैसे लेकर पढ़ाया। उसने अनूपपुर से ३० हजार, जैतहरी से ६० हजार और कोतमा से २५ हजार का लोन लिया। पत्नी की पढ़ाई के लिए उसने बीमा तक का पैसा खर्च किया। अब पत्नी GNM की ट्रेनिंग खण्डवा चिकित्सालय से पूरी करने के बाद उसे अपना पति मानने से ही इनकार कर रही है।
मंदिर में शादी की गई
जोहन भारिया ने कहा कि मेरी एक सात साल की बेटी रूही भारिया है। मेरी बच्ची चाहिए। उसने कहा कि पत्नी मीनाक्षी पहले से ही शादीशुदा थी, लेकिन वह अपने ससुराल नहीं जाती थी। उसके घरवालों के जवाब के बाद मैंने मंदिर में उससे शादी की, बिना किसी को बताए।
उसके पढ़े-लिखे होने के कारण उन्होंने पटवारी, शिक्षक और नर्सिंग नौकरी की कोशिश की। वह नर्सिंग में चयनित होने के बाद खंडवा चिकित्सालय में नर्स बनने के लिए चली गई और बीच-बीच में घर भी आती थी। लेकिन वह मेरे घर भी नहीं आती थी, बल्कि अपने मायके में रहती थी। जब मैंने उससे अपने घर पकरिया जाने का अनुरोध किया, तो उसने कहा कि मेरी जिंदगी में कोई और व्यक्ति आ गया है और तुम एक और पत्नी देखो।
बेटी को वापस लाने में कलेक्टर की मदद मांगी
तब जोहन अपनी बेटी को गुजरात में काम करने चला गया। उसकी पत्नी, साला अमित और दूसरे लोग गुजरात पहुंचे और जोहन को जान से मारने की धमकी दी। जोहन ने बताया कि उसने अपनी पत्नी को शिक्षा दिलाने के लिए लोन लिया था। साथ ही बीमा और पल्लेदारी पर भी पैसे खर्च किए गए। जोहन ने बताया कि मीनाक्षी ने कहा कि वह उसी के साथ रहेगी और किसी दूसरे से 1.50 लाख रुपये उधार लिए हैं। अब उसने अपनी बेटी को वापस लाने में कलेक्टर से मदद मांगी है।