
Gold Rate: भारतीय बाजार में सोने की कीमतों ने एक नया इतिहास रच दिया है जब पहली बार सोना एक लाख रुपये प्रति दस ग्राम के पार पहुंच गया है। यह वृद्धि न केवल आम उपभोक्ताओं बल्कि अनुभवी निवेशकों को भी आश्चर्यचकित कर देने वाली है। कई महीनों से सोना एक लाख रुपये के आसपास चल रहा था लेकिन अचानक से आई यह तेजी ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। एमसीएक्स पर सोने का उच्चतम स्तर 100,681 रुपये तक पहुंच गया जो इसकी ऐतिहासिक यात्रा में एक मील का पत्थर है।
यह उछाल इतना तेज था कि बाजार विशेषज्ञों की सभी भविष्यवाणियां धरी रह गईं। जो विशेषज्ञ सोने की कीमतों में गिरावट की उम्मीद कर रहे थे वे भी इस अप्रत्याशित वृद्धि से हैरान हैं। सुबह 99,500 रुपये पर खुलने के बाद सोना दिनभर में 100,000 रुपये के पार चला गया और अंततः 100,314 रुपये पर बंद हुआ। यह दिखाता है कि बाजार में सोने की मांग कितनी मजबूत है और निवेशकों का भरोसा इस कीमती धातु पर कितना अटूट है।
भारतीय सर्राफा बाजार ने 16 जून 2025 को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब 24 कैरेट सोने की कीमत पहली बार 1,00,681 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर को छू गई। यह तेजी न केवल निवेशकों, बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए भी आश्चर्यजनक रही। कई महीनों से सोना 1 लाख रुपये के आसपास मंडरा रहा था, लेकिन अचानक आए इस उछाल ने सभी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना सुबह 99,500 रुपये पर खुला और दिन के अंत में 1,00,314 रुपये पर बंद हुआ।
सोने की कीमतों में अभूतपूर्व तेजी
सोने की कीमतों ने हाल के महीनों में भारत में नया इतिहास रचा है। पिछले कुछ समय से यह 99,000-1,00,000 रुपये के दायरे में था, लेकिन 16 जून 2025 को इसने 1,00,681 रुपये का उच्चतम स्तर छुआ। MCX पर सोना 99,500 रुपये पर खुलने के बाद दिनभर तेजी के साथ कारोबार करता रहा और 1,00,314 रुपये पर बंद हुआ। यह वृद्धि भारतीय बाजार में सोने की मजबूत मांग और निवेशकों के अटूट विश्वास को दर्शाती है।
इस तेजी ने बाजार विशेषज्ञों को भी चौंका दिया, जिनमें से कई कीमतों में गिरावट की भविष्यवाणी कर रहे थे। सोने की यह रैली वैश्विक और स्थानीय कारकों का परिणाम है, जिसमें मध्य पूर्व में तनाव और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध प्रमुख हैं। भारत में त्योहारी सीजन और शादी-विवाह की मांग ने भी सोने की चमक को और बढ़ाया।
मध्य पूर्व तनाव: सोने की कीमतों का मुख्य कारण
सोने की कीमतों में इस उछाल का सबसे बड़ा कारण मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव है, खासकर इजरायल और ईरान के बीच चल रहा संघर्ष। हाल ही में इजरायल के हमलों ने क्षेत्र में अस्थिरता पैदा की है, जिसका असर वैश्विक बाजारों पर पड़ा। जब भी भू-राजनीतिक संकट या युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, निवेशक जोखिम से बचने के लिए सोने की ओर रुख करते हैं।
सोना अनिश्चितता के दौर में एक सुरक्षित निवेश माना जाता है। मध्य पूर्व की मौजूदा स्थिति नाजुक है, और विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह संघर्ष लंबा खिंचता है या इसमें अन्य देश शामिल होते हैं, तो सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं। यह तनाव न केवल निवेशकों के मन में डर पैदा करता है, बल्कि कच्चे तेल की कीमतों को भी प्रभावित करता है, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ती है और सोने की मांग को बल मिलता है।
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध का प्रभाव
सोने की कीमतों में तेजी का दूसरा प्रमुख कारण अमेरिका और चीन के बीच चल रहा व्यापार युद्ध है। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता पैदा की है। अमेरिका द्वारा चीन पर नए व्यापारिक प्रतिबंध और टैरिफ बढ़ाने से दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। यह व्यापार युद्ध न केवल इन देशों, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है।
जब व्यापारिक अनिश्चितता बढ़ती है, निवेशक शेयर बाजार जैसे जोखिम भरे विकल्पों से हटकर सोने जैसे सुरक्षित निवेश की ओर जाते हैं। सोना मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव प्रदान करता है और आर्थिक अस्थिरता में इसकी कीमतें आमतौर पर बढ़ती हैं। अमेरिकी डॉलर की कमजोरी भी सोने की कीमतों को समर्थन देती है, क्योंकि सोने का कारोबार वैश्विक स्तर पर डॉलर में होता है।
MCX पर सोने का प्रदर्शन
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX) पर सोने ने शानदार प्रदर्शन किया। 16 जून 2025 को सोना 99,500 रुपये पर खुला और दिन के दौरान 1,00,681 रुपये के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। दिन के अंत में यह 1,00,314 रुपये पर बंद हुआ, जो एक नया रिकॉर्ड है। इससे पहले अगस्त 2025 की समाप्ति वाले सोने के वायदा अनुबंध का भाव 99,358 रुपये था।
यह वृद्धि भारतीय बाजार में सोने की मजबूत मांग को दर्शाती है। त्योहारी सीजन, शादी-विवाह, और निवेश की मांग ने सोने को और आकर्षक बनाया। MCX पर दो दिन की छुट्टी के बाद बाजार फिर से खुलेगा, और वैश्विक घटनाक्रम सोने की कीमतों की दिशा तय करेंगे।
भविष्य में सोने की कीमतों का अनुमान
बाजार विशेषज्ञों और सर्राफा व्यापारियों का मानना है कि सोने की कीमतें निकट भविष्य में और बढ़ सकती हैं। दिल्ली के सर्राफा व्यापारी अनिल शर्मा का कहना है कि मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और वैश्विक अनिश्चितता के कारण अगले दो महीनों में सोना 1,10,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। यदि इजरायल-ईरान संघर्ष गहराता है या इसमें अन्य देश शामिल होते हैं, तो कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।
कच्चे तेल की कीमतें, डॉलर की चाल, और वैश्विक मुद्रास्फीति भी सोने की कीमतों को प्रभावित करेंगी। यदि तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ेगा, जिससे सोने की मांग और बढ़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता नहीं आती, सोना एक मजबूत निवेश विकल्प बना रहेगा।
निवेशकों और उपभोक्ताओं पर प्रभाव
सोने की कीमतों में यह तेजी निवेशकों और उपभोक्ताओं पर अलग-अलग प्रभाव डाल रही है। जिन निवेशकों ने पहले से सोने में निवेश किया है, जैसे गोल्ड ईटीएफ, सिक्के, या बार, उन्हें इस वृद्धि से शानदार रिटर्न मिल रहा है। दूसरी ओर, आम उपभोक्ताओं के लिए सोना खरीदना अब महंगा हो गया है, खासकर त्योहारी और शादी के सीजन में।
ज्वैलरी दुकानदारों का कहना है कि ग्राहक अब कम मात्रा में सोना खरीद रहे हैं या खरीदारी टाल रहे हैं। मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम की दर चुनौतीपूर्ण है। इससे सर्राफा कारोबार पर मिश्रित प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन निवेश मांग मजबूत बनी हुई है।
वैश्विक बाजार में सोने की स्थिति
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें बढ़ रही हैं, जो भारतीय बाजार को प्रभावित कर रही हैं। वैश्विक स्तर पर सोने का कारोबार डॉलर में प्रति औंस के हिसाब से होता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति, यूरोपीय केंद्रीय बैंक के फैसले, और चीन की आर्थिक स्थिति सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
कई देशों के केंद्रीय बैंक, विशेषकर विकासशील देश, अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं, जिससे मांग बढ़ रही है। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, सोने में तेजी का रुझान बना हुआ है, और यदि वैश्विक अनिश्चितता बनी रहती है, तो कीमतें और बढ़ सकती हैं।
सोना खरीदने के टिप्स
- हॉलमार्क जांचें: हमेशा बीआईएस हॉलमार्क वाला सोना खरीदें, जिसमें शुद्धता और HUID कोड हो।
- मेकिंग चार्ज: ज्वैलरी खरीदते समय 10-20% मेकिंग चार्ज पर ध्यान दें।
- विश्वसनीय ज्वैलर: प्रतिष्ठित दुकानों से खरीदारी करें।
- रेट ट्रैकिंग: IBJA की वेबसाइट (ibjarates.com) या Goodreturns.in जैसे प्लेटफॉर्म्स पर रेट्स चेक करें।
- निवेश रणनीति: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या गोल्ड ईटीएफ जैसे विकल्पों पर विचार करें।
निष्कर्ष: सोने का सुनहरा भविष्य
सोने ने 1,00,681 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऐतिहासिक स्तर छूकर भारतीय बाजार में नया रिकॉर्ड बनाया। मध्य पूर्व तनाव, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध, और त्योहारी मांग ने इस तेजी को बल दिया। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले दो महीनों में सोना 1,10,000 रुपये तक पहुंच सकता है। निवेशकों और उपभोक्ताओं को बाजार के रुझानों पर नजर रखनी चाहिए और सूचित निर्णय लेने चाहिए। सोना न केवल एक निवेश, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, और इसका सुनहरा भविष्य अभी और चमकेगा।